सब्सिडी मिलेगी क्या भाई?
● जानें रीपर बाइंडर (Reaper Binder)और कंबाइन हार्वेस्टर(Combine Harvester) के बारे में।
● मजदूर, पैसे और समय तीनों की बचत!
● रीपर बाइंडर खरीदने पर कितनी सब्सिडी?
मार्च का महीना शुरू होते ही गेहूं की कटाई भी शुरू हो गई है। ऐसे में सबसे ज्यादा आवश्यकता अगर किसी चीज की है तो वह है कटाई मशीन की। और आज हम बताएंगे आपको कटाई मशीनों की पूरी जानकारी! इस लेख में हम जानेंगे कटाई मशीनों की कीमतों के बारे में,उनके प्रकारों के बारे में।
जानें रीपर बाइंडर मशीन के बारे में!
● 40 मजदूरों का काम,एक मशीन से!
● 1 घंटे में काटे,1 एकड़ फसल।
एक एकड़ जमीन को पांच मजदूर मिलकर पूरा दिन भर भी कांटे तो तकरीबन 12 घंटे लग जाते हैं। एक मजदूर का रेट होता है 400 से 500 के बीच में। यानी 20 एकड़ जमीन में तकरीबन 40 से 50 हजार रुपए का खर्च। अब सोचिए यही काम अगर एक मशीन 1 दिन में कर दे और उसकी कीमत भी 80 हजार के आसपास हो तो कौन है जो उसे खरीदना नहीं चाहेगा।
जानिए क्या है इसकी अन्य विशेषताएं।
● यह मशीन फसल की कटाई के साथ-साथ रस्सियों से उनका बंडल भी बनाती है।
● इस यंत्र की सहायता से खेत में 5 से 7 सेमी ऊपर फसल की कटाई आसानी से की जा सकती है।
● इस यंत्र के कारण भूसे का नुकसान नहीं होता है।
● इस मशीन से 85 सेमी से 110 सेमी ऊंचाई वाली गेहूं, जौ, धान, जेई और अन्य फसलों की आसानी से कटाई कर बंडल बनाया जाता है।
● यह मशीन बारिश के समय और पेटाकाश्त की जमीन पर भी आसानी से कार्य कर सकती है।
● इससे खेतों में उगने वाली झाडिय़ों की भी आसानी से कटिंग की जा सकती है।
● इस मशीन में छोटी टाई लगाकर करीब 5 क्विंटल तक का भार ढोया जा सकता है।
● रीपर बाइंडर मशीन के उपयोग से भूसे का नुकसान नहीं होता है।
● रीपर बाइंडर को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना आसान होता है।
● यह यंत्र टिकाऊ है और लंबे समय तक चलता है।
रीपर बाइंडर मशीन कितने प्रकार की होती है?
बाजार में कई तरह की रीपर मशीन उपलब्ध है। इसमें
ट्रैक्टर चलित रीपर,
स्ट्रा रीपर,
स्वचालित रीपर
और रीपर बाइंडर मशीन शामिल है। किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार रीपर मशीन का चयन कर सकते हैं।
आजकल पोर्टेबल पावर टिलर काफी प्रचलित हैं। इन्हें सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर भी कहा जाता है। ये छोटे खेतों में जुताई, निराई के साथ रीपर फिट करने पर धान-गेहूं की कटाई भी कर सकते हैं।
कंबाइन हार्वेस्टर और रीपर बाइंडर में से कौन बेहतर?
रीपर बाइंडर और कंबाइन हार्वेस्टर दोनों ही मशीन फसल की कटाई में काम आती है। रीपर बाइंडर मशीन छोटे किसानों के लिए उपयोगी है। वहीं कंबाइन हार्वेस्टर बड़े किसानों के लिए उपयोगी है। रीपर बाइंडर मशीन की सहायता से जमीन से 5 से 7 सेमी ऊपर फसल की कटाई आसानी से की जा सकती है और भूसे का नुकसान नहीं होता है। कंबाइन हार्वेस्टर खेत में करीब 30 सेमी से ऊपर फसल की कटाई करता है। जिससे कटाई के बाद फसल का ठूठ खेत में ही खड़े रह जाते हैं। जिससे किसानों को बहुत नुकसान होता है। क्योंकि फसल से मिलने वाले भूसे का नुकसान हो जाता है। वहीं दूसरी ओर कई बार किसान खेत में खड़े ठूठ में आग लगा देते हैं जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। इसलिए रीपर बाइंडर का उपयोग बहुत अच्छा माना जाता है।
आखरी में बात कर लेते हैं सब्सिडी!
अगर आपको किसी भी कृषि उपकरण पर मिल रही सब्सिडी के बारे में जानना है तो आप सरकार की अधिकारिक वेबसाइट e krishi Yantra पर जाएं और अपने राज्य में चल रही कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के बारे में जानकारी प्राप्त करें। फिलहाल तो रीपर बाइंडर पर सब्सिडी की कोई योजना के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हुई। जैसे ही कोई सूचना हमें मिलती है,हम जल्द से जल्द उसे आप तक पहुंचाएंगे।
सही जानकारी प्राप्त करने के लिए हमेशा जुड़े रहे ट्रैक्टरज्ञान से।
जानकारी सही,मिलेगी यही!
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